कहानी में ऐसे पात्रों का वातावरण हमेशा बना रहता है जो समाज से बहिष्कृत हैं और समाज के सीमांतों पर भटकते रहते हैं।
- फ्रैंक ओ कोन्नोर लोनली वायस अनु. आनंद स्वरूप वर्मा |
कहानी में ऐसे पात्रों का वातावरण हमेशा बना रहता है जो समाज से बहिष्कृत हैं और समाज के सीमांतों पर भटकते रहते हैं।
- फ्रैंक ओ कोन्नोर लोनली वायस अनु. आनंद स्वरूप वर्मा |