बाज़ार
आह क्या जगह है जहाँ ईश्वर पके फल की तरह जमीन पर गिरा और बिखर गया
- मुइसेर येनिया तुर्की भाषा की युवा कवियत्री अनु: मणि मोहन
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बाज़ार
आह क्या जगह है जहाँ ईश्वर पके फल की तरह जमीन पर गिरा और बिखर गया
- मुइसेर येनिया तुर्की भाषा की युवा कवियत्री अनु: मणि मोहन
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