पहल ९३

''मेरी साहित्यिक पीढ़ी ने आलोचकों की धूमधाम के साथ कविता में प्रवेश नहीं किया, हम फायरिंग स्क्वार्डों और फूटते बमों के दरम्यान लिखना सीख रहे थे।''

- महान पोलिश कवयित्री
अन्नाकामीएन्स्का की डायरी से
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