''मेरी साहित्यिक पीढ़ी ने आलोचकों की धूमधाम के साथ कविता में प्रवेश नहीं किया, हम फायरिंग स्क्वार्डों और फूटते बमों के दरम्यान लिखना सीख रहे थे।'' |
''मेरी साहित्यिक पीढ़ी ने आलोचकों की धूमधाम के साथ कविता में प्रवेश नहीं किया, हम फायरिंग स्क्वार्डों और फूटते बमों के दरम्यान लिखना सीख रहे थे।'' |