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जुलाई २०१३

चार कार्टून

राजेन्द्र धोड़पकर


राजेन्द्र धोड़पकर की सामाजिक पहचान इस समय एक कार्टूनिस्ट और व्यंग लेखक की है। इससे पहले 80 के दशक में वे बतौर कवि पहचाने और सराहे गए। उससे भी पहले वे बाकायदा एम.बी.बी.एस. की डिग्री हासिल करके डाक्टर बने। डाक्टर बनकर वे सरकारी नौकरी में भी चले गए। मध्यप्रदेश के सिंचाई विभाग में। वहां से निराश होकर वापस आए तो भोपाल की झुग्गी बस्तियों में क्लिनिक खोल बैठे। यहां भी सुकून नहीं मिला तो कुछ और करने दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली जाने से बहुत पहले भोपाल में ही कार्टून बनाने लगे थे। एक फिल्म यूनिट के साथ बतौर स्क्रिप्ट राईटर बनकर गए तो दिल्ली वालों ने उन्हें बतौर कार्टूनिस्ट वहीं रोक लिया। 'जनसत्ता' में काम करते हुए इस काम में मन ऐसा रमा कि वे इसी काम में जुट गए। कार्टून के साथ ही साथ सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों पर खुलकर लिखने लगे। कविता संग्रह 'दो बारिशों के बीच' और नाटक 'डाक्टर जवानी की प्रेम कहानी' प्रकाशित है। बतौर कवि भारत भूषण अग्रवाल से सम्मानित हैं। इस समय 'दैनिक हिंदुस्तान'में एसोसियेट एडीटर के पद पर काम कर रहे हैं। 'पहल' के लिए इस अंक से राजेन्द्र धोड़पकर साहित्यिक मुद्दों पर टिप्पणी करती हुई कार्टून श्रृंखला की शुरूआत कर रहे हैं।

 

 

 

 

 

 

 


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