अमरकांत का चित्र
लक्ष्मीधर मालवीय द्वारा खींचा गया
''अमरकांत ने वह सब लिखा जो प्रेमचंद के बाद लिखा जा सकता था और साहित्य को साहित्य की परम्परा से तोड़कर जीवन की परम्परा से जोड़ा जा सकता था'' |
''अमरकांत ने वह सब लिखा जो प्रेमचंद के बाद लिखा जा सकता था और साहित्य को साहित्य की परम्परा से तोड़कर जीवन की परम्परा से जोड़ा जा सकता था'' |