पहल - 120

रोक सकता हमें ज़िन्दा-ए-बला क्या मजरूह

हम तो आवाज़ हैं, दीवारों से छन जाते हैं

मजरुह सुलतानपुरी 

मशहूर शायर

(यह शायर का जन्मशताब्दी वर्ष है )

Login