पहल 107

''पुस्तकें विशेषण पर जाकर रुक जाती
हैं, अंतहीन वाक्य सर्वनाम पर जाकर
खत्म हो जाते हैं। बहुत कम पुस्तकें
क्रिया की जड़ तक पहुंचती हैं।''

मारिन सोरसक्यू
सुप्रसिद्ध यूरोपीयन कवि
1936-1996

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