''पुस्तकें विशेषण पर जाकर रुक जातीहैं, अंतहीन वाक्य सर्वनाम पर जाकरखत्म हो जाते हैं। बहुत कम पुस्तकेंक्रिया की जड़ तक पहुंचती हैं।''मारिन सोरसक्यूसुप्रसिद्ध यूरोपीयन कवि1936-1996