पहल 99

जैंता एक दिन तो आलो दिन वो दुनी में

''आएगा वह दिन जरुर आएगा दुनिया में
काहे होते हो निराश
मुंडी घुटनों से उठाओ
मत रहो फिजूल उदास
आएगा, वह दिन जरुर आएगा दुनिया में
चाहे हम न ला सकें
चाहे तुम न ला सको
मगर कोई न कोई तो लायेगा
उस दिन को दुनिया में''
- गढ़वाली जनकवि
गिर्दा के एक प्रसिद्ध गीत का अंश
खड़ी बोली में
वीरेन डंगवाल द्वारा किया गया भावानुवाद

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