पहल 97

कठिन दिन आने वाले हैं
बेहद लम्बे और निचाट दिन
जब तुम्हारी सायकिलों से उम्मीद की जायेगी
वे अपना संतुलन बनाए रखें

पहले दाने कम होंगे
हो सकता है इसका एहसास चिडिय़ों को पहले से
आदमी को बाद में
फिर कम होना शुरू होगा पानी
फिर हवा कम होने लगेगी
तैयार रहो दोस्तों
उस हवा को बचाकर रखने की कोशिश करो
जो तुम्हारे पहियों में है
हो सकता है लम्बे समय तक
उसी पर जिंदा रहना पड़े
    यातना यहीं से शुरू होती है
    पर तुम्हारी घंटियों का बजना भी
    शुरू होता है यहां से

- केदारनाथ सिंह

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