पहल 96

नाम गूगल अर्थ
तुम्हारा
ओ गूगल
मुझे कई कई चीजें ढूंढनी हैं
तुम्हारे मार्फत

खेतों खलिहानों में आते जाते
पहाड़ों में चढ़ते-उतरते
गौरैय्या जैसी फुर्तीली
चांद जैसी उजली
सुश्री कांछी माया के
जमींदार के बेटे के साथ
बम्बई तक जाने की खबर है।
लेकिन उसके बाद वो गुम गयी
जमींदार का बेटा नहीं गुम हुआ
ओ गूगल
जरा ढूंढ़ो तो
सुश्री कांछी माया कहां है?

मणि काफले
नेपाली युवा कवि

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