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दिसंबर - 2019

कवितायें : दुन्या मिखाइल

अनुवाद - कल्पना सिंह चिटनिस

पहल विशेष/एक

देशांतर/दुन्या मिखाइल

 

 

 

 

 

समांतर पाठ

 

 

1.

 

We cross borders lightly like clouds.

 

Nothing carries us,

 

but as we move on

 

we carry rain,

 

and accent,

 

and a memory of another place..

 

हम बादलों की तरह हौले-हौले करते हैं पार सीमाएं।

कोई भी हमें अपने कंधे पर ढोकर नहीं लाता,

पर हम बढ़ते हैं आगे

अपनी बारिश, और अपने उच्चारण के साथ,

और लाते हैं एक याद,

किसी दूसरे जगह की।

 

2.

 

Homeland, I am not your mother,

 

So why do you weep in my lap like this every time

 

something hurts you?

 

वतन मैं तुम्हारी मां नहीं हूं

फिर क्यों तुम मेरी गोद में आकर रोते हे

जब भी दुखता है तुम्हारा दिल?

 

3.

 

The tree doesn’t ask why it’s not moving

 

to some other forest

 

nor any other pointless questions.

 

कोई पेड़ अपने आप से यह नहीं पूछता

कि वह दूसरे जंगल में क्यों नहीं चला जाता,

नाहिं कोई ऐसे वाहियात सवाल।

 

4.

 

She raised his head to her chest.

 

He did not respond:

 

he was dead.

 

उसने उसका सिर उठा कर अपने सीने से लगाया

पर उसने कोई जवाब नहीं दिया:

वह मृत था।

 

5.

 

Just like that,

 

they packed our green years

 

to feed a hungry sheep.

 

बस ऐसे ही,

हमारी हरी-भरी उम्र को समेट कर उन्होंने

एक भूखे भेंड़ को खिला दिया।

 

6.

 

House keys,

 

identity cards,

 

faded pictures among the bones..

 

All of these are scattered

 

in a single mass grave.

 

घरों की चाबियां,

परिचय पत्र,

और धुंधला गए चित्र,

 

ये सारी चीजें छितरी पड़ी हैं

एक सामुहिक कब्र में,

हड्डियों की ढेर पर।

 

7.

 

Some of our tribal members

 

died in war

 

Some died regular deaths.

 

None of them died from joy.

 

हमारे कबीले के कुछ लोग

युद्ध में मारे गए।

कुछ मर गए साधारण मौत से।

उनमें से कोई भी उल्लास से नहीं मरा।

 

8.

 

The dead act like the moon:

 

they leave the earth behind

 

and move awary.

 

मृत आत्माएं चाँद की तरह:

 

पृथ्वी को अपने पीछे छोड़

दूर निकल जाती हैं।

 

9.

 

Those colourful flowers

 

over the mass graves

 

are the dead’s last words.

 

सामूहिक कब्रों पर पड़े

रंग बिरंगे फूल,

मृतकों के अंतिम शब्द।

 

10.

 

All of us are autumn leaves

 

ready to fall at any time.

 

हम सब पतझड़ के पत्ते

किसी भी समय गिर जाने के लिए तैयार।

 

11.

 

My heart’s quite small:

 

that’s why it fills so quickly.

 

मेरा दिल बहुत छोटा है:

इसीलिए वह बहुत जल्द भर जाता है।

 

12.

 

The Arbic language

 

loves long sentences

 

and long wars.

 

It loves never-ending songs and late nights

 

and weeping over ruins. It loves working

 

for a long life

 

and a long death.

 

अरबी भाषा को पसंद है

लम्बे वाक्य

और लम्बे युद्ध।

उसे पसंद है कभी न खत्म होने वाले गीत और लम्बी रातें।

उसे पसंद है बर्बादियों का मातम मनाना,

एक लम्बे जीवन के लिए श्रम करना

और एक लम्बी मौत।

 

परिचय: दुन्या मिखाइल

लेखकीय स्वतंत्रता के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार पुरस्कार से सम्मानित इराक़ी-अमेरिकी कवि दुन्या मिखाइल ने बगदाद विश्वविद्यालय से बी.ए. की शिक्षा हासिल की और बग़दाद ऑब्ज़र्वर में एक पत्रकार और अनुवादक के रूप में कार्य किया। 1990 के दशक में सद्दाम हुसैन के ब्लैकल्सिट में आने के बाद उन्हें इराक छोड़ कर अमेरिका आना पड़ा। अमेरिका आने के बाद उन्होंने एम.ए. की शिक्षा हासिल की और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्यापन का कार्य किया। इनकी पुस्तकों में The War Works Hard (2005), Diary of a Wave Outside the Sea (2009), The Iraqi Nights (2014) और The Beekeeper (2018) के नाम उल्लेखनीय हैं।

 

परिचय : कल्पना सिंह (कल्पना सिंह-चिटनिस)

कल्पना सिंह (कल्पना सिंह - चिटनिस), हिंदी कविता के क्षेत्र में एक परिचित नाम हैं। इनके हिंदी काव्य-संग्रहों में बिहार राजभाषा से पुरस्कृत ''चाँद का पैबन्द’’, ''तफ्तीश जारी है’’ और ''निशांत’’ के नाम उल्लेखनीय हैं। कल्पना सिंह की रचनाओं का प्रकाशन देश-विदेश की प्रमुख पत्रिकाओं में हुआ है, तथा इनकी कविताओं का अनुवाद कई भाषाओं में किया गया है।

युद्ध की धरती गया में जन्मी कल्पना सिंह ने मगध विश्वविद्यालय ने राजनीति शास्त्र में एम.ए. की शिक्षा प्राप्त की, और कुछ समय के लिए गया कॉलेज, गया, में अध्यापन कार्य भी किया। 1994 में अमेरिका आने के बाद इन्होंने ''न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी’’ से फिल्म निर्देशन की डिग्री हासिल की, और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvadx) से, ''Buddism Through Its Scriptures’’ का भी अध्ययन किया। हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में समान रूप से लिखने वाली कल्पना सिंह-चिटनिस के अंग्रेजी काव्य संग्रह ''बेयर सोल’’ को 2017 में लेबनॉन के ''नाजी नामन लिटरेरी प्राइज फॉर क्रिएटिविटी’ से सम्मानित किया गया। पेशे से फिल्म निर्देशिका, कल्पना सिंह-चिटनिस अमेरिका से निकलने वाली ''लाइफ एंड लेजेंड्स’’ साहित्यिक पत्रिका की प्रमुख सम्पादिका हैं, और वर्तमान समय में अपने अगले काव्य संग्रह ''ट्रेसपासिंग माई अनसेस्ट्रल लैंड्स’’, और केदारनाथ सिंह के हिंदी काव्य संग्रहों के अंग्रेजी अनुवाद पर कार्य कर रही हैं। वेबसाइट - www.kalpanasinghchitnis.com.

 


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