फिलिस्तीनी कवि निज़र सरतावी की अरबी कविताएं
अनुवाद : कल्पना सिंह-चिटनिस
देशांतर
कविता कब तक छुपाये रखोगी तुम अज्ञात के गर्भ में एक त्रस्त, अकुलाये और घबराये हुए शर्मिंदा साये को जिनके साथ सूरज अपना हृदय नहीं बांटता ना ही तारों की छिटकती रौशनी उस पर $िफदा होती है, या चाँद का धीमे-धीमे धड़कता दिल
और कैसे रहोगी तुम पृथक्, एक तिलस्मी साये की तरह बिना सांस लेती एक देह की तरह मांस के एक लोथड़े की मानिंद एक ककून के रेशमी दीवारों से घिरे उस आकार की भांति जिसका प्रारब्ध के ग्रंथ में कहीं कोई वृतांत नहीं
तुम कब तक बनी रहोगी एक धुँधली आवाज़? एक बड़बड़ाहट जिसे अक्षर नहीं पहचानते एक गुनगुनाहट बिना तारों की झंकार और नृत्य के
और कैसे सह पाओगी बनना एक उद्देश्य, विधेय की प्रतीक्षा में।
फिलिस्तीनी कवि निज़र सरतावी की अरबी कविता ''Al-qasida'' (कविता) का अनुवाद ।
रैगनोरॉक रैगनोरॉक की धरती पर पैदा हुए हम न रोते हैं, नाहीं करते हैं गिले-शिकवे, अपने हाथों में तलवार और मशाल लिए हम हिम और असुरों का मुकाबला करते हैं और महामृत्यु को परे धकेले देते हैं। वे अप्सराएं जो आकाश में उड़तीं मृतकों को वल्हला ले जाती थीं, वे कभी नहीं आतीं। हमारी आँखों में उल्लास का कोई नृत्य नहीं, ईश्वर हमारे शरीर पर पड़े ज़ख्मों को नहीं धोता, हम अपने शत्रुओं के कपाल में मदिरा भरकर नहीं पीते
हिम और असुर आगे, और आगे बढ़ते हैं हमारी तलवारें हाथों में जम जाती हैं खून हमारी रगों में ठोस हो जाता है हम बर्फ में समाहित हो जाते हैं और हिम खंडों में बदल जाते हैं।
फिलिस्तीनी कवि निज़र सरतावी की अरबी कविता ''Ragnarok'' (रैगनोरॉक) का अनुवाद।
आज़ादी का नमक और अब नमक एक दूसरा विकल्प आकुल आत्माओं के लिए जो गुस्ताखी से खींचती हैं सांसे ज़िन्दगी की
एक ज़िद के साथ अपनी मिट्टी को हाथों में उठाये,
एक दृढ़ता के साथ आज़ादी के कमज़ोर धागों को पकड़े,
नमक नमक नमक
एक गिलास पानी के साथ नमक वे निगलते हैं और आहें भरते हैं
फिलिस्तीनी कवि निज़र सरतावी की अरबी कविता ''Miho-Alhorriyya'' (आज़ादी का नमक) का अनुवाद।
निज़र सरतावी फिलिस्तीनी मूल के प्रख्यात कवि, निबंधकार, अनुवाद और स्तंभकार हैं। इनकी कविताओं और काव्य-अनुवाद की अब तक बीस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनके नवीनतम काव्य-संग्रह ''माय शैडो'' का प्रकाशन जून 2017 में, अमरीका के ''इनर चाइल्ड प्रेस'' के द्वारा किया गया। इनकी कविताओं का अनुवाद और प्रकाशन विश्व की विभिन्न भाषाओं में, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है।
अमेरिका में बसी कल्पना सिंह-चिटनिस भारतीय मूल की द्विभाषीय कवियत्री, फिल्म निर्देशिका और ''लाइफ एंड लेजेंड्स'' (Life and Legends) साहित्यिक-पत्रिका की प्रमुख सम्पादिका हैं। कल्पना सिंह-चिटनिस के काव्य संग्रहों में ''बिहार राजभाषा पुरस्कार'' में सम्मानित ''चाँद का पैबंद'', ''तफ्तीश जारी है'', ''निशांत'' और ''नाजी नामन लिटरेरी अवार्ड'' से सम्मानित अंग्रेजी काव्य-संग्रह ''बेयर सोल'' (Bare Soul) का नाम उल्लेखनीय है। कल्पना सिंह-चिटनिस ने कई हिंदी कवियों जैसे केदारनाथ सिंह, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, हरेप्रकाश उपाध्याय, बिमलेश त्रिपाठी तथा अन्य की कविताओं का अनुवाद अंग्रेजी में, तथा कई अमेरिकी और अरबी कवियों की कविताओं का अनुवाद हिंदी में किया है। |