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अप्रैल २०१३

गायब होने वाले आदमी के बारे में

स्वप्निल श्रीवास्तव

अभी अभी हमारे घोसियारी बाजार में
एक आदमी यहीं पर था
अचानक कहाँ गायब हो गया
मैंने उस आदमी से बातचीत की थी
हालचाल पूछा था

वह ठीक हमारे सामने सिगरेट पी रहा था
और मँहगाई के बारे में बातचीत कर
रहा था
वह बता रहा था कि एक जमाने में
जितने की एक सिगरेट की डिब्बी
मिलती थी, अब उतने में एक सिगरेट
नहीं मिल रही है

बाजार में चीजों के दाम बेतहासा बढ़े हैं
हाँ आदमी की कीमत लगातार कम हुई है
लोग भूख मिटाने के लिए अपने बच्चे तक
बेच देते हैं
स्त्रियों के लिये कौमार्य का कोई अर्थ नहीं
रह गया है
वे रोटी के भाव बिक जाती है

हिन्दी के मशहूर कवि राजेश जोशी
से पूछ लीजिये, वे मेरे साथ सिगरेट
पी रहे थे
हालांकि वे भोपाल में रहते हैं
लेकिन कवि कहीं भी पहुंच सकता है
उसके बारे में प्राचीन उक्ति है - जहाँ
न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि

वह आदमी बाहर का आदमी नहीं लगता था
संभवत: आसपास के इलाके से आया हो

मान लीजिये वह बाहर का ही आदमी हो
तो क्यों गायब हो

गायब होना हमारे समाज के लिए शर्म
की बात है
हम चीजों के गायब होने से बेचैन
हो जाते हैं
आदमी का गायब होना तो एक
दुर्घटना है

मैं उस आदमी को भूल नहीं सकता
उस तरह सिगरेट पीते हुये आदमी को
मैंने नहीं देखा है
वह धुयें के छल्ले उड़ा रहा था

वह खेल रहा था धुयें से,
उसके आसपास इतना धुआं इकट्ठा हो गया था
कि वह संभवत: धुयें के बीच से गायब
हो गया था, इसलिए कोई उसे गायब होते
देख नहीं पाया

कहीं यह धुयें बनाने वाली कम्पनी की
साजिश तो नहीं है
यह भी हो सकता है यह किसी गिरोह का
कारनामा हो

मैं, हजारों के बीच उस आदमी को पहचान
लूँगा
उसके सिगरेट पीने के ढंग से जान लूँगा
कि वह वही आदमी है

कुछ लोगों की आदतें उसकी पहचान
बन जाती हैं
जैसे मैं अभी राजेश जोशी के बारे में
बता रहा था, उनके भी सिगरेट पीने की
अदा निराली है

अलग अलग लोग अलग अलग ढंग से
सिगरेट पीते है
कुछ लोगों को फिल्टर वाली सिगरेट में
मजा नहीं आता है
वे बिना फिल्टर वाली सिगरेट को
तल्खी से पीते है

धूम्रपान वाली चेतावनी का असर
सिगरेट पीने वाले लोगों पर नहीं पड़ता
वे चेतावनी को भी पी जाते हैं

किसी चीज़ की बिक्री अगर बढ़ानी है
तो उसे वर्जित करने के तरीके
बाजारवादी जानते हैं
वे जहरीली चीज़ों को अमृत बता कर
बेचते है

हम बेकार में सिगरेट के बारे में बात
कर रहे हैं
हमें तो उस आदमी के बारे में सोचना
चाहिये जो अभी अभी गायब हुआ है

अगर मुझे मालूम होता कि वह आदमी
ठीक हमारे सामने गायब हो जायेगा
तो उसका नाम पता जरूर पूछता
ताकि थाने में एफ.आई.आर. दर्ज करने में
सहूलियत हो

लेकिन क्या थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने से
वह आदमी मिल सकता है, इसका उत्तर
हम सभी जानते हैं

कुछ लोग पुलिस के फाइलो में गायब हो जाते है
लेकिन ताउम्र नहीं मिलते

पुलिस अधिकारी मुस्कराते हुये कहता है
गायब होने वालों की तादाद बढ़ती जा
रही है
पुलिस में इतने लोग नहीं है कि उन्हें
खोजा जा सके

पुलिस के पास बलात्कार और चोरी के
इतने मामले हैं कि उनसे ही नहीं
फुरसत मिलती है
उसे देखनी पड़ती है विशिष्टजनों की सुरक्षा
सब कुछ पुलिस ही करे तो क्या जनता
कनकव्वे उड़ायेगी

बहुत लोगों के गायब होने के पुख्ता सबूत हैं
लेकिन वे नहीं मिल रहे हैं
मैं कई गायब लोगों के बारे में जानता हूँ
वे वर्षों बाद नहीं मिले

गायब होने वालों के बारे में बड़ी मासूमियत
के साथ कहा जाता है कि वे कहीं चले गये हैं
लेकिन अगर वे चले गये होते तो लौटते
जरूर

चले जाने और गायब होने के बीच
कहीं गोलमाल और रहस्य दिखाई देता है

परिवार के लोग कुछ दिनों के लिए परेशान
रहते हैं फिर आदत पड़ जाती है

राजनेता खुश हो जाता है कि वे लोग ही
गायब हो रहे हैं जिन्होंने उन्हें मतदान
नहीं दिया था
क्या लोग योजनाबद्घ तरीके से गायब
किये जा रहे हैं
या कोई गिरोह सक्रिय है जिसे सत्ता का
संरक्षण मिला हुआ है?

मतदाता सूची से लोगों का गायब होना
आम बात है
मतदाता सूची में वे लोग ही बचे हुये हैं
जिनका मतदान में इस्तेमाल किया जा सकता है

लेकिन हमें उस आदमी की चिंता है
जो घोसियारी बाजार से गायब हो
गया था

वह बाजार को बहुत ध्यान से देख रहा था
जैसे अपने घोंसले के लिए कोई जगह
खोज रहा हो
वह चिडिय़ा नहीं आदमी था, शायद वह
यहां बसना चाहता हो
विडम्बना देखिये वह बसने के पहले ही
उजड़ गया

मेरे बचपन का दोस्त रामहरख बता रहा था
कि वह परेशान दिख रहा था
वह आसपास के इलाके से आया था
क्योंकि उसकी भाषा में स्थानीय शब्द
और बिम्ब थे

यहां यह सोचा जा सकता है कि क्यों
अच्छे आदमी गायब हो जाते हैं
बुरे लोग बहुत दिनों तक गायब नहीं होते
इसके लिये हमें उनकी मृत्यु का इंतजार
करना पड़ता है
मृत्योपरांत वे दु:स्वप्न की तरह हमारा
पीछा करते हैं

मैंने सोचा मुझे थाने जाना चाहिये
यह जानते हुये, वहाँ जाने से कुछ नहीं होगा
उल्टे हमारा मजाक उड़ाया जायेगा
वे अभद्रता के साथ मुझे पागल कह
सकते हैं

बहरहाल मैं थाने पर पहुँचा
थानेदार अपने दोनों पांव मेज पर रखकर
बदतमीजी से सिगरेट पी रहा था
जिन्हें बीड़ी पीने की तमीज न हो उसे
मुफ्त में सिगरेट पीने को मिल जाय तो
ऐसा ही होता है

पुलिस को बहुत सी चीजे मुफ्त में
मिलती हैं
उसके अक्ल के बारे में क्या टिप्पणी
की जाय कि कहाँ मिलती है
यह हम सब जानते हैं

वे भाषा को अश्लीलता की हद तक
भदेस बना देते हैं
वे बुरी गालियों के आविष्कारक हैं
नैतिकता को रखैल बना कर रखते हैं

मैंने थानेदार से उस गायब होने वाले
आदमी के बारे में बताया तो वह
भड़क गया अशिष्टता के साथ बोला
कहीं तुम्हारा पेंच तो नहीं ढीला है
जाओ अपने दिमाग का इलाज कराओ
यह खड़क सिंह का इलाका है, यहां
परिन्दा भी गायब नहीं हो सकता है
जो गायब करेगा उसके माँ की...।

मैं देखने में पढ़ा लिखा और सभ्य
आदमी दिखता हूँ, लेकिन थानेदार ने
मेरे साथ जो व्यवहार किया उसे देखकर
मैं स्तब्ध हो गया
लेकिन उस आदमी के लिये यह जोखिम
उठाना ही था

अब बताइये मैं कहां जाऊ
मैं कवि राजेश जोशी से पूछता हूँ कि
गायब होने वालों के बारे में कवितायें
लिखना आसान है लेकिन उन्हें खोजना
कठिन है
कवि शब्द खोज सकता है, गायब होने
वाले आदमी को खोजना पुलिस का
काम है

मैं राजेश जोशी से यह बात इसलिए
कह रहा हूँ क्योंकि वे वाकये के समय
हमारे साथ थे और उस आदमी के बगल में
सिगरेट पी रहे थे
सिगरेट तो मैं भी पी रहा था लेकिन
उसकी जिम्मेदारी बड़ी है, वे हमसे बड़े
कवि है

समाजशास्त्री बताते है, गायब होने वालों
के पीछे बाजार की भूमिका है
यह बात थोड़ी सही लग सकती है
क्योंकि हमारे कस्बे में अभी बन रहा है
बाजार

मैंने देखा है खेती के लिए गायब हो
रही है जमीन
इमारते और दुकानें बन रही है
जमीन को निगल रही हैं, सड़कें
बैंक बन रहे हैं, खुल रहे है पेट्रोल पम्प

सड़क के किनारे जो जमीन अनाज
उगलती थी, उसे नाजायज कामों के लिये
अधिकृत कर लिया गया है

यहां दफ्तर बनेगे, शराबखानो की नींव पड़ेगी
लोग अनपे बच्चों के फीस के पैसे का
शराब खरीदकर पीयेंगे
अपने घर को भूख के अधंरे में
ढकेल देंगे

सरकार चाहती है लोग नशे में रहें
उनके सोचने का समय शराब के प्याले में
डूब जाय
इसलिये जहां स्कूल खुलने चाहिये वहां
शराबा खानो का शिलान्यास हो रहा है

सेतु बाबा कहते थे जैसे सड़क आयेगी
गांव के गांव तहस नहस हो जायेगे
बिना सड़क के हाथी घोड़े, आते हैं
सड़क बन जायेगी तो मोटर गाड़ी आयेगी
उसमें से खतरनाक लोग उतरेंगे
और हमें खड़े खड़े बाजार में बेच देंगे

शहर का आदमी बड़ा शैतान होता है
वह हवा हवा में आदमी को गायब
कर देता है
वह आधुनिक समय का लकड़ सुंघवा है
यह बात तब हमें बुरी लगती थी लेकिन अब
लगता है वे सच कह रहे थे
सरकार कई मुंह से झूठ बोलती है
एक मुंह जरा चुप रहता है
जब बहुत संकट आता है तब खुलता है
सरकार के पास विदूषको की एक फौज है
जो मँहगाई और भ्रष्टाचार के बीच
जनता का मनोरंजन करती रहती है

विपक्ष को सोने की कुर्सी दिखाई
पड़ती है, उसका स्वप्न देखते देखते वे
स्त्रैण होते रहते हैं

दुखद समाचार यह है कि ज्यादातर
बच्चे गायब हो रहे हैं
जिस समाज से बच्चे गायब हो रहे हों
वह कितना असुरक्षित समय है

किसका दरवाजा खटखटाया जाय
सरकारें तो बहरी हो चुकी हैं
थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने जाइये
तो गिरफ्तार होने का डर है

उन औरतों के बारे में सोचिये जो
थाने पर अपना दुख प्रकट करने गयी थीं
और उन्हें क्षत विक्षत करके भेजा गया

प्रधानमंत्री भी अपना भेष बदलकर थाने में
जायें तो उन्हें पता चलेगा कि थानेदार
जवार में प्रधानमंत्री से बड़ा ओहदेदार है
इलाके में उसकी तूती बोलती है
उसके थाने में कोई भी हजम हो
सकता है

इसके बावजूद इस सवाल को ऐसे नहीं
छोड़ा जा सकता
थोड़ा आप सोचिये, थोड़ा हम सोचें
ताकि गायब होने वालों के बारे में
कोई हल निकल सके

आप यह भी सोचिये कि यदि आप
बचे हुये हैं तो इसका यह अर्थ नहीं कि
आप गायब नहीं हो सकते


''दरअसल यह कविता नहीं एक त्रासद स्वप्न दृश्य है। दशहरे में मैं अपने गांव गया हुआ था। गांव सुदूर इलाके में है। गांव के समीप एक बन रहा कस्बा 'घोसियारी बाजार' है। गायब होने वाले आदमी के बारे में यह स्वप्न मैंने दशहरे की रात में देखा, उठा तो पसीने से लथपथ था। सोचा इसे लिखूंगा नहीं तो मुक्त नहीं हो पाऊंगा। गांव में बिजली के तार हैं लेकिन रोशनी कभी कभी आती है। सो यह कविता रात के तीन बजे टार्च की रोशनी में लिखी, उसके बाद सो नहीं पाया।''
-स्वप्निल के पत्र से




'ईश्वर एक लाठी है' , 'ताख पर दिलासलाई' और 'मुझे दूसरी पृथ्वी चाहिए' - संग्रहों के कवि।


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